सब कहैछैत बइनजाउ नेता
हम त नै बनब नेता
कुर्सी देखते लागैय जुलुम
बैसब जखन देखायत सरकुटुम्ब
देश बिकासके बात छोडु
टोल समाज नै देखायत हमरा
हम त नै बनब नेता ।

इच्छा आकांक्षा अनन्त अछि अपन
कुर्सी लंग मुदा जायब जखन
लटपटायल , ओझरायल रहब हरदम
किन्कर सुनु बेसि आ किन्कर कम
दुरे स कुर्सी देखैत मनोहर , पेट रहत हरदम गडबड
हम त नै बनब नेता ।

सराप आ गाईर सुन्हे परत
काज करि या नै , भाषणमे चिच्याहे परत
सकारात्मक उर्जा देखाक, जनताके फुसलाब परत
कुर्सी जख्ने छुब , कुर्सी मे अँटहे परत
फलर कपरा सन मनके , एक बित सकुइच्चाब परत
हम त नै बनब नेता।

अखन लगैय समाधाने समाधान
कुर्सी पर करब समस्याके बखान
निर्धारण प्राथमिकता करनाई कठिन
जखन सबतैर देखायत अपन भाइ बहिन
खिचातानीमे फाटत योजना
दिन दिन बढत कुर्सी बचाबके तृष्णा
अपन छवि आ गुणगानमे रहब व्यस्त
चिन्ता छोडि जनताके , रहब अपनामे मस्त
हम त नै बनब नेता ।

अपन नगरि मे घुमि नै घुमि , बिदेशके भ्रमण करहे परत
मातृभूमि बिकासबाला सपना , सपनेमे सजाब परत
कोसिस रहत लायब आधुनिकता
परम्परागत शैली, मुदा अपनाब परत
सत्य बादि रहके कोसिस हरदम
गप्पा के बाट चलहे परत
सुल्झल जिबनके किया उल्झायब
दृढ निश्चयके किया डगमगायब
हम त नै बनब नेता ।।।

जय मिथिला , जय माता जानकी जी ?????
ज्योती कुमारी झा ( समाजशास्त्री)

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