कहैछैथ दहेज बिरोधि हमरा
दुर रहु ,नै करू हिनका सँग रगरा
किया हम सबसँग मुह दुइरकरब
जे नै लेता दहेज ,हुनके सँग बात करब
ढाकी भैर भाषण छकरता
समय एलापर झोरी भरता
दुरे सँ मुसकबैत खबर पुछता
दहेज नै लेब,नै देब सब सुनता
व्यवहारिक जँ भूमिका आयल
सिद्धान्त त ओढनामे नुकायल
बात करब तखने ,जँ दहेज नै लेब
बिवाहके बाद पुतौहके दुःख नै देब
उपकार केलौं ,दहेज नै लेलौं
घमण्ड,महानता समाजमे देखेलौं
ढोल बजेलौं सगरे समाज
अन्तः मन अछि दरिद्र के राज
शिक्षा, स्वास्थ्य सब सुख देलौं
सम्मानित धिया भेल जँ दहेज नै लेलौं
इहा अछि भ्रूण हत्या रोकके आधार
स्त्री , पुरूष मिलि करू गम्भीर विचार
दहेजबिन वधु घरमे जँ एथिन
घरके घर ,नर्क नै बनेथिन
माय,बापके आर्थिक भार बचेथिन
सासुरमे लगाब देखेथिन
दहेजके भार देखि चिन्तित धिया,
आक्रोसित भ सासुर बसती
माय , बापके आर्थिक भार देखि
सासुरमे पिडित रहति
घरके लक्ष्मी पर करू विचार
दहेज अछि परिवारक ,दुःखके आधार ।
जय मिथिला जय माता जानकी जी ?????
ज्योति कुमारी झा
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